donation: भारत का सबसे YOUNGEST ORGAN DONOR बनीं 39 दिन की बच्ची, पैरेंट्स को है गर्व, 10 वर्षों में तीन गुना हुए डोनर की संख्या

        दोस्तों आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत की सबसे यंगेस्ट डोनर मात्र 39 दिन की बच्ची जिसका नाम 'अबाबत कौर' बनीं हैं ! जो पंजाब में रहने वाले पिता 'सुखबीर सिंह संधू जी' और माता 'सुप्रीत कौर जी' की पुत्री थीं !

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        ये बात सुनकर जितना हैरानी हो रही है उतना ही असली मानवता का सकर्म प्रमाण भी प्रस्तुत कर रहा है !पंजाब के अमृतसर में रहने वाले 'सुखबीर सिंह संधू जी' और 'सुप्रीत कौर जी' की मात्र 39 दिन की मासूम गुड़िया जिसका नाम 'अबाबत कौर' है उसने अपने लीवर को डोनेट कर भारत का सबसे यंगेस्ट डोनर बन गयीं हैं ! हुआ कुछ यूँ था कि जब अबाबत कौर पैदा हुई थीं तो उसके दिमाक में ऐसा गुच्छा बना हुआ था जिसकी वजह से उनका दिल का आकार बढ़ता जा रहा था ! पहले 24 दिनों तक ये बिलकुल ठीक थीं फिर अचानक दिल काम करना बंद कर दिया ! उसे जल्दी से अस्प्ता ले जाया गया, जहाँ पर डाक्टरों ने रीवाईब कर लिया !

       डाक्टरों ने तो रीवाईब कर लिया लेकिन उन्हें समझने में काफी समय लग गया कि इतना छोटा बच्चा को हार्ड अटैक कैसे आ सकता है ! तो उसके बाद अबाबत के माता-पिता ने उसे इलाज के लिए उसे चंडीगढ़ ले गए ताकि अच्छे से इलाज हो सके !वह पर इस छोटी सी बच्ची ने बहुत ही बहादुरी से संघर्ष किया लेकिन बीमारी ऐसी थी कि  इतनी कम उम्र में इलाज संभव नहीं था, डाक्टरों ने सोचा कि इसे 6 महीने कैसे भी कर के रीवाईब करवाया जाय उसके बाद ऑपरेशन कर के ठीक कर दिया जायेगा, लेकिन भगवान् को कुछ और मंजूर था ! 

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      जब ये 39 दिन की हुई तो दुबारा दिल का दौरा पड़ा,जिसके बाद उसकी बचने कि कोई उम्मीद नहीं थी ! उसके माता-पिता बगल में रो रहे थे, तभी अचानक उन्होंने अंगदान का एक बड़ा फैसला लिया !उन्होंने सोचा कि इसका जन्म किसी मकसद के लिए हुआ है तो उन्होंने अंगदान का फैसला ले लिया जिससे किसी और इंसान की जिन्दगी बचाई जा सके !उस समय ये फैसला लेना वाकई में एक महान काम था ! उसके बाद उस बच्ची का केवल किडनी ही ली जा सकती थी क्योकि उम्र बहुत कम था !जब उस बच्ची के पता-पिता को पता चला कि हमारी बच्ची सबसे यंगेस्ट ऑर्गन डोनर बन गई तो उनको बहुत गर्व हुआ अपनी उस मासूम गुडिया पर !

       दोस्तों आपको पता ही होगा कि जीवन का सबसे बड़ा दान अंगदान है ! क्योकि अंगदान करना दो जन्म जीने के बराबर होता है और उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता है ! दोस्तों जिस शरीर के एक - एक अंग को भगवान् के माध्यम से बनाया गया है वो दुनिया के किसी भी बाज़ार में नहीं मिल सकता ! आने वाले दिनों में इन्ही सब अंगों के ना उपलब्ध होने के कारण हर साल लाखों की संख्या में लोग मरतें हैं ! लेकिन हम लोगों के एक छोटी सी सहायता इस आकड़े को पूरा तो नहीं कर सकतें लेकिन बहुत हद तक कम कर सकतें हैं !

अंगदान में महिलाये आगे :-

    दोस्तों इसे लेकर सरकार काफी एक्टिव हो गई है और इस प्रयास कि और निरंतर कदम बढ़ा रही है ! सरकार के इन्ही प्रयासों और लोगो कि जागरूकता ने पिछले 10 वर्षो कि तुलना में तीन गुना वृद्धि अंगदान दाताओं कि हुई है ! अभी प्रसिद्ध नेता लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी ने उन्हें अपनी एक किडनी डोनेट की है, इसके बाद ऑर्गन डोनेशन को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं ! अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो इस समय महिलाएं पुरुषों के मुकाबले काफी आगे हैं ! महिलाए काफी सक्रीय हो गई हैं ऑर्गन डोनेशन के मामले में, वही पुरुष काफी पीछे है !

       ऑर्गन इंडिया (ORGAN India) की तरफ से जारी एक आंकड़े के मुताबिक, अंगदान को लेकर भारत में लोग काफी तेजी से आगे आ रहे हैं लेकिन ऑर्गन ट्रांसप्लांट (Organ Transplant) भी इसमें पीछे नहीं है !अगर एक उदाहरण से देखें तो साल 2014 में भारत में 6,916 ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए, वहीं, 2021 में इसकी संख्या 12,259 हो गई ! मतलब की इसमें 7 प्रतिशत के आसपास बढ़ोतरी देखी गई ! ऑर्गन ट्रांसप्लांट में किडनी, लिवर, हार्ट, फेफड़े, अग्न्याशय और छोटी आंत प्रत्यारोपण इत्यादि शामिल है ! वहीं, 2014 में अंगदान करने वालों की संख्या 1,030 थी, जो पिछले साल 1,619 पहुंच गई थी मतलब कि इसमें करीब 57% की वृद्धि देखी गई है !

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        दोस्तों जिस तरह गंगा कि एक बूंद कहीं पड़ने से ही लोग पवित्र मानने लागतें है ठीक हमारे शरीर को पंचतत्व में विलीन करने के लिए अगर थोडा सा ही अंश मिल जाए तो वो भी पंचतत्व में विलीन होने के लिए बिलकुल स्वीकार है ! जिस शरीर को जलाकर या दफनाकर नस्ट कर देतें है तो उसके बजाय उसके कुछ अंगो का दान करा कर  वास्तव में किसी अन्य व्यक्ति के शरीर को जलने से बचा सकती है ! क्योकि हम किसी कि मौत स्वाभाविक नहीं होती ! कभी कभी शरीर का कोई अंग फेल हो जाता है तो अगर हमारे पास डोनेट किया हुआ अंग होता तो हम किसी की जिन्दगी बचा सकते है !

       दोस्तों कहने का तात्पर्य यह है कि हमें ऑर्गन डोनर की तरफ आगे बढाकर हिस्सा लेना चाहिए और लोगो को जागरूक भी करे ! क्योकि अंगदान महादान है !

                                                                                                                                            - BY SATYA

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